बस एक ही उल्लू काफी था बर्बाद गुलिंस्ता करने को
यहाँ तो हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजाम गुलिंस्ता क्या होगा ???
सच्चाई छुप नही सकती, इन झूंठे उसूलों से
खुशबू आ नही सकती ,कागज के फूलों से
क्या हो गया है इन नेतायों को ? कौन सी बिमारी लग गई है ? इनके अन्दर क्या वो तो पता लग ही गया कोई एनएसजी कमांडो नेताजी आपकी आर्थिक मदद या झूंठी सांत्वना के लिए लड़ने नही गया था
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